करवा चौथ व्रत और पूजा विधि
करवा चौथ 2021 : करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियाँ ऱख सकती है । यह हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है.यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. यह त्योहार सुहागिन स्त्रियाँ मनाती हैं. करवा चौथ व्रत सुबह सूर्योदय से पहले 4 बजे के बाद शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद संपूर्ण होता है. इस व्रत की विशेषता यह है कि केवल सौभाग्यवती स्त्रियों को ही यह व्रत करने का अधिकार है. स्त्री किसी भी आयु, जाति, वर्ण, संप्रदाय की हो, सबको इस व्रत को करने का अधिकार है. जो सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की आयु, स्वास्थ्य व सौभाग्य की कामना करती हैं वे यह व्रत रखती हैं. ऐसे में अगर आप इस साल अपना पहला करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं तो आज हम आपको करवा चौथ की आसान सी पूजा विधि बताने जा रहे हैं जो आपको आसानी से समझ में आ जाएगी.करवा चौथ आसान पूजा विधि (Karwa Chauth Simple Pujan Vidhi)
1. इस दिन सुबह-सवेरे उठा जाएं. आपको सरगी के रूप में जो भोजन मिला है उसे ग्रहण करें और पानी पीएं. फिर निर्जला व्रत रखने का संकल्प करें. इस दिन सूर्य उदय होने से पहले ही स्नान कर लें.
2. शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना एक चौकी पर करें. फिर गणेश जी का पूजन करें. इन्हें पीले फूलों की माला, लड्डू और केला अर्पित करें.
3. फिर शिवजी और माता पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं और श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री और पेड़े चढ़ाएं. इसके बाद करवा माता का चित्र लगाएं.
4. अगरबत्ती और दीपक जलाएं. फिर मिट्टी का कर्वा लें और उस पर स्वास्तिक बनाएं.
5. करवा चौथ की पूजा के लिए शाम को मिट्टी की वेदी बनाएं और उसपर सभी देवताओं की स्थापना करें. इस पर करवा रखें.
6. फिर एक थाली लें और उसमें धूप, दीप, चंदन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक लें. दीपक को जलाएं.
7. चांद निकलने से करीब एक घंटा पहले ही पूजा शुरू कर देनी चाहिए. मिट्टी का कर्वा लें और उसमें दूध, जल और गुलाब जल मिलाएं.
8. इस दिन करवा चौथा की कथा जरूर सुनें.
9. फिर चांद निकलने के बाद छलनी के जरिए चांद को देखें. चंद्रमा की पूजा करने के बाद अर्घ्य दें. चांद के दर्शन के बाद महिला को अपने पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए.
– सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रुपये आदि दें. साथ ही उनसे सौभाग्यवती का आशीर्वाद लें.
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जय श्री गणेश